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Wednesday 25 March 2020

శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః

ఎంతో వేడుకగా ఉగాది జరుపుకోవాల్సిన ఈ తరుణంలో యావత్ ప్రపంచం కరోనా వైరస్ వల్ల భయభ్రాంతులకు లోనై ఎన్నో ఇబ్బందులు పడుతోంది. ఈ సందర్భంలో ప్రజలందరి ఆరోగ్యసిద్ధి కోసం వైద్యనాథుడు, మృత్యుంజయుడు అయిన శివుని గురించి ఒక కీర్తన రచించి ఇవ్వమని మహానుభావులైన సామవేదం షణ్ముఖ శర్మగారిని ప్రార్థించగా వారు ఆ ప్రార్థనను మన్నించి రచించినది. 

శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః ఓం నమశ్శివాయ ఓం నమశ్శివాయ ఓం నమశ్శివాయ ఓం నమశ్శివాయ
శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః దేవాంతరంగాయ దివ్యలింగాయ
శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః దేవాంతరంగాయ దివ్యలింగాయ
నమః నమః నమః
బాలాంబికేశాయ భవరోగ భిషజే కాలాగ్నయే మహాకాలాయ రుద్రాయ 2సార్లు
ఓం నమశ్శివాయ ఓం నమశ్శివాయ
నీలగ్రీవాయ నిటలేక్షణాయ నీలగ్రీవాయ నిటలేక్షణాయ
బాలేందుచూడాయ భయాపహాయ 2సార్లు
శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః నమః నమః నమః
అమృతాప్లుతాంగాయ అమృతేశ్వరాయ శమన మదశమనాయ శాంతాయ సాంబాయ 2సార్లు
అమరగణవినుతాయ ఆదివైద్యాయ 2సార్లు
శమదమాన్విత శిష్టజనసేవితాయ 2సార్లు
శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః నమః నమః నమః
నిత్యాయ శుద్ధాయ మృత్యుంజయాయ శృత్యంతవేద్యాయ సుఖ విగ్రహాయ
నిత్యాయ శుద్ధాయ మృత్యుంజయాయ శృత్యంతవేద్యాయ శుభ విగ్రహాయ
నృత్యత్పదార్చాయ నిజభక్తపాలాయ 2సార్లు
సత్యాయ షణ్ముఖ సంభావితాయ 2సార్లు
శ్రీవైద్యనాథాయ శివాయ నమః దేవాంతరంగాయ దివ్యలింగాయ


Friday 20 March 2020

Mere Hathon Mein Na Teri lakeerein



Yeh Ishq Nahi Aasaan



एक बुंद मै दर्द है लाखो
केहता है आंख का पाणी
मरहम से भि ना भरेगी
अपने जखमो की निशाणी……
हा शर्ते रखी थी खुशियो ने
जिनका था दर्द मै बदलना
लफ्झो ने छोड रखा था
होठो पे ठेहरना आ….
…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जीना का तू जरिया है
जरा रुक जा ए बेचैनिया
मुझको थोडा आराम दे
गम मिळ गये है सौगात मै
खुशियो का तू एहसान दे
खुद से है नाराजगी
तेरे गम का है एहसास भि
चल चल के ठक गये दीन मेरे
आके इनको तू शाम दे
बर्फ जमी थी आंखो मै
इनको था फिर कभी पिगलाना
जो लिखा हुआ है पेहेले से
नामुमकीन है बदलना
…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहात पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जिने का तू जरिया है
मेरी आखो मै है नमी
जाने कैसी है ये कमी
ना हि सर पे मेरे आसमान
ना हि पैरो तळे जमीन
मै तुकडा बन के हुई
खुद से खुद हि खफा हुई
मुझे मै मै हु अब नही
जाने कैसी है ये कमी
हा तय हि नही था
खुशियो के लम्हो का कभी ठेहरना
कुछ ऐसा हो जिस से
आंखो का बंद हो जाये अब बरसना आ….
….
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाना है
जिने का तू जरिया है





एक बुंद मै दर्द है लाखो
केहता है आंख का पाणी
मरहम से भि ना भरेगी
अपने जखमो की निशाणी……२
हा शर्ते रखी थी खुशियो ने
जिनका था दर्द मै बदलना
लफ्झो ने छोड रखा था
होठो पे ठेहरना आ….
आ…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जीना का तू जरिया है
जरा रुक जा ए बेचैनिया
मुझको थोडा आराम दे
गम मिळ गये है सौगात मै
खुशियो का तू एहसान दे
खुद से है नाराजगी
तेरे गम का है एहसास भि
चल चल के ठक गये दीन मेरे
आके इनको तू शाम दे
बर्फ जमी थी आंखो मै
इनको था फिर कभी पिगलाना
जो लिखा हुआ है पेहेले से
नामुमकीन है बदलना
आ…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहात पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जिने का तू जरिया है
मेरी आखो मै है नमी
जाने कैसी है ये कमी
ना हि सर पे मेरे आसमान
ना हि पैरो तळे जमीन
मै तुकडा बन के हुई
खुद से खुद हि खफा हुई
मुझे मै मै हु अब नही
जाने कैसी है ये कमी
हा तय हि नही था
खुशियो के लम्हो का कभी ठेहरना
कुछ ऐसा हो जिस से
आंखो का बंद हो जाये अब बरसना आ….
आ….
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाना है
जिने का तू जरिया है


Read more at LyricsCraze.com: https://www.lyricscraze.com/2018/12/11/ishq-nahi-aasaan-lyrics-sonu-nigam-guddan-tumse-na-ho-payega-tv-serial-song/
एक बुंद मै दर्द है लाखो
केहता है आंख का पाणी
मरहम से भि ना भरेगी
अपने जखमो की निशाणी……२
हा शर्ते रखी थी खुशियो ने
जिनका था दर्द मै बदलना
लफ्झो ने छोड रखा था
होठो पे ठेहरना आ….
आ…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जीना का तू जरिया है
जरा रुक जा ए बेचैनिया
मुझको थोडा आराम दे
गम मिळ गये है सौगात मै
खुशियो का तू एहसान दे
खुद से है नाराजगी
तेरे गम का है एहसास भि
चल चल के ठक गये दीन मेरे
आके इनको तू शाम दे
बर्फ जमी थी आंखो मै
इनको था फिर कभी पिगलाना
जो लिखा हुआ है पेहेले से
नामुमकीन है बदलना
आ…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहात पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जिने का तू जरिया है
मेरी आखो मै है नमी
जाने कैसी है ये कमी
ना हि सर पे मेरे आसमान
ना हि पैरो तळे जमीन
मै तुकडा बन के हुई
खुद से खुद हि खफा हुई
मुझे मै मै हु अब नही
जाने कैसी है ये कमी
हा तय हि नही था
खुशियो के लम्हो का कभी ठेहरना
कुछ ऐसा हो जिस से
आंखो का बंद हो जाये अब बरसना आ….
आ….
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाना है
जिने का तू जरिया है


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एक बुंद मै दर्द है लाखो
केहता है आंख का पाणी
मरहम से भि ना भरेगी
अपने जखमो की निशाणी……२
हा शर्ते रखी थी खुशियो ने
जिनका था दर्द मै बदलना
लफ्झो ने छोड रखा था
होठो पे ठेहरना आ….
आ…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जीना का तू जरिया है
जरा रुक जा ए बेचैनिया
मुझको थोडा आराम दे
गम मिळ गये है सौगात मै
खुशियो का तू एहसान दे
खुद से है नाराजगी
तेरे गम का है एहसास भि
चल चल के ठक गये दीन मेरे
आके इनको तू शाम दे
बर्फ जमी थी आंखो मै
इनको था फिर कभी पिगलाना
जो लिखा हुआ है पेहेले से
नामुमकीन है बदलना
आ…..
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहात पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाणा है
जिने का तू जरिया है
मेरी आखो मै है नमी
जाने कैसी है ये कमी
ना हि सर पे मेरे आसमान
ना हि पैरो तळे जमीन
मै तुकडा बन के हुई
खुद से खुद हि खफा हुई
मुझे मै मै हु अब नही
जाने कैसी है ये कमी
हा तय हि नही था
खुशियो के लम्हो का कभी ठेहरना
कुछ ऐसा हो जिस से
आंखो का बंद हो जाये अब बरसना आ….
आ….
मेरी आंखे खुले जब भि
खुले तेरी हि आहत पे
जो दम बाकी है वो निकले
तेरी चाहत की चौकट पे
ये इश्क़ नही आसान
इक आग का दरिया है
तुझे मिलके हि जाना है
जिने का तू जरिया है


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Tum Ho | Ishq Agar Ek Dhaga Hai Toh


इश्क अगर एक धागा है तो
इक सीरा मैं हूँ
दूसरा तुम हो
इश्क अगर वादा है तो
इक टूकड़ा मैं हूँ
दूसरा तुम हो
कौन सा बंधन है तुम से
और कौन सा रिश्ता है
कभी गैर से लगते हो
कभी लगते अपने तुम हो
लगते अपने तुम हो
तुम हो..
तुम हो..
लगते अपने तुम हो
मैं वो दिन हूँ जिससे कोई ना
देखो मुनासीब शामें तेरी
मैं वो सफ़र हूँ
जिससे जुड़ी ना
आके कोई भी राहें तेरी
सोचता हूँ मैं हरदम अब तो
आये कोई तो ऐसा दिन
तेरी यादें मुझको सताएं
तुझको सताएं यादें मेरी
कौन सा बंधन है तुम से
और कौन सा रिश्ता है
कभी गैर से लगते हो
कभी लगते अपने तुम हो
www.funpur.net
लगते अपने तुम हो
तुम हो..
तुम हो..
लगते अपने तुम हो
हो.. हे..
मैं वो ज़मीं हूँ
जिसपे ना बरसे
आके कोई भी बूंदें तेरी
मैं वो घर आँगन हूँ जहाँ पे
कभी ना गूंजी आवाज तेरी
अपने बीच में कुछ हो ऐसा
जिससे ये साबित तो हो
कभी कहलाये तु मेरा
कभी कहलाऊँ मैं भी तेरी
कौन सा बंधन है तुम से
और कौन सा रिश्ता है
कभी गैर से लगते हो
कभी लगते अपने तुम हो
लगते अपने तुम हो
तुम हो..
तुम हो..
लगते अपने तुम हो