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Friday 20 March 2020

Tum Ho | Ishq Agar Ek Dhaga Hai Toh


इश्क अगर एक धागा है तो
इक सीरा मैं हूँ
दूसरा तुम हो
इश्क अगर वादा है तो
इक टूकड़ा मैं हूँ
दूसरा तुम हो
कौन सा बंधन है तुम से
और कौन सा रिश्ता है
कभी गैर से लगते हो
कभी लगते अपने तुम हो
लगते अपने तुम हो
तुम हो..
तुम हो..
लगते अपने तुम हो
मैं वो दिन हूँ जिससे कोई ना
देखो मुनासीब शामें तेरी
मैं वो सफ़र हूँ
जिससे जुड़ी ना
आके कोई भी राहें तेरी
सोचता हूँ मैं हरदम अब तो
आये कोई तो ऐसा दिन
तेरी यादें मुझको सताएं
तुझको सताएं यादें मेरी
कौन सा बंधन है तुम से
और कौन सा रिश्ता है
कभी गैर से लगते हो
कभी लगते अपने तुम हो
www.funpur.net
लगते अपने तुम हो
तुम हो..
तुम हो..
लगते अपने तुम हो
हो.. हे..
मैं वो ज़मीं हूँ
जिसपे ना बरसे
आके कोई भी बूंदें तेरी
मैं वो घर आँगन हूँ जहाँ पे
कभी ना गूंजी आवाज तेरी
अपने बीच में कुछ हो ऐसा
जिससे ये साबित तो हो
कभी कहलाये तु मेरा
कभी कहलाऊँ मैं भी तेरी
कौन सा बंधन है तुम से
और कौन सा रिश्ता है
कभी गैर से लगते हो
कभी लगते अपने तुम हो
लगते अपने तुम हो
तुम हो..
तुम हो..
लगते अपने तुम हो

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